एक नवयुवक आयु 18 वर्ष, हमारे पास अपने पिता (जोकि स्वयं एक होम्योपैथ हैं ) के साथ आए, उनको पिछले दिन से ज्वर (fever) की समस्या थी। उन्होंने हमे बताया कि गला खराब सा है देखने पर फैरिन्जाइटिस दिखाई दी। ज्वर 100°F के करीब था।
उन्होंने बताया कि खुद को ठीक महसूस कर रहे हैं जबकि पहले जब भी ज्वर होता था उसकी अपेक्षाकृत इसबार कमजोरी कम लग रही है। हालांकि कमजोरी है।
Delusion, well, he is
Del. Poor think he is
Del. Wealth imagination of
हमने उन्हें बैलाडोना 30 लेने का परामर्श दिया। अगले दिन वे थोडा और बेहतर महसूस कर रहे थे परंतु ज्वर अभी 102 था, तो उनको बैलाडोना 200 लेने के लिए फोन.पर ही बताया गया।
परंतु शाम के समय ज्वर फिर बढा तो अगली सुबह वे फिर क्लीनिक पर उपस्थित हुए।
हमने युवक से पूछा क्या स्थिति है उन्होंने बताया कि रोजाना सुबह ज्वर कम हो जाता है लगता है परन्तु शाम से बढने लगता है और रात तक 104 हो जाता है। कल रात जब ठंड सी लगने लगी तो उन्होंने पहले तो एसी बंद किया पर फिर भी जब राहत नही मिली तो वे नीचे आकर माता पिता के कमरे मे सो गए थे। पर उन्होंने किसी को जगाया नहीं।
हमने पूछा, क्यों नही जगाया?
तब उसके पिताजी व बहन से ज्ञात हुआ कि वह किसी से कुछ नही कहता है यदि पानी की प्यास है तो खुद ही नीचे उतरकर आएगा और पानी लेकर चला जाएगा, बाकी सारे दिन बस बिस्तर मे लेटा रहता है।
हमने रोगी से पुष्टि करने के लिए पूछा तो उन्होंने स्वीकार किया कि उनका मन ही नही करता कुछ करने का बस लेटा रहता हूँ। किसी से कुछ इसलिए नही मांगता क्योंकि लगता है मै खुद ही कर सकता हूं।
हमने पूछा भूख प्यास की क्या स्थिति है। तब उन्होंने बताया कि प्यास तो लगती है पर खाने का मन नही करता, पर जब मम्मी खाना देती हैं तो खा लेता हूँ।
वैसे खिचड़ी वगैरह ही दे रही हैं।
उनके पिता ने बताया कि आज तो ये कह रहा था कि एलोपैथी दिलवा देते ज्वर उतर जाता तो मै कालेज तो चला जाता मेरी अटेंडेंस कम हो रही है।
और वैसे भी हर बार ज्वर होने पर तीन चार दिन तक होम्योपैथी लेने के बाद भी जब आराम नही होता तो एलोपैथी ही लेनी पडती है।
हमने उनकी उपरोक्त मनोस्थिति को समझते हुए निम्नलिखित रुब्रिक लिए
Quiet, disposition
Bed, desire to remain in
Asking, nothing, for
Anxiety, future about
Eat, refuse to, asked, eat only when
उन्हें Antim Crud 30 दी गई जिससे उनका ज्वर कम होता गया। रात तक 99°F के लगभग आ गया। रात मे वे बिल्कुल आराम से सो पाए, अगले दिन सुबह कोई ज्वर शेष नही था तापमान सामान्य हो चुका था।