आज आपके सामने जो केस हम ला रहे हैं वह एक होमियोपैथिक चिकित्सक का केस है, जिन्हे पिछले शुक्रवार को दाई आंख के अंदर हरपीज जोस्टर हो गया
वे उसी दिन मेरे पास आए। वे किसी अन्य कारण से मेरे पास आए थे, उन्होंने मुझे बताया की सवेरे से कुछ खुजली और बेचैनी सी महसूस हो रही थी, आंख से पानी और आंख में लाली थी, तो उन्होंने अपने पास से कोई दवा ले ली जिससे उन्हें थोड़ी राहत नजर जरूर आई लेकिन बेचैनी बनी हुई थी, तो उन्होंने अपने निकट एक आई स्पेशलिस्ट को दिखाया।
जिसने उन्हें बताया कि यह हर्पीज जोस्टर है।
इस केस में सबसे अधिक समझने वाली बात यह रही कि मैंने जो उन्हें दवाई दी वह फेल हो गई दूसरी बार जो दवाई दी वह भी फेल हो गई तीसरी बार भी जो दवाई दी गई वह भी फेल हो गई किंतु मैंने अपनी गलतियों से सीखा अपने मार्ग से विचलित न होकर दृढ़ता से बना रहा और इसी का परिणाम है की चौथा परामर्श दिया गया वह बिल्कुल सटीक था।
हम फेल क्यों होते हैं कब होते हैं और कैसे होते हैं यह सीखना बहुत जरूरी है।
ऐसा नहीं है कि हर केस में हम पहले ही दवा सही चुन लेंगे परंतु इस मेथड पर काम करने से इतना अंतर आता है की आप 6 से 8 घंटे में यह पहचान लेंगे कि आपने जो दवाई दी है वह सही है या उसमें कुछ कमी है।
सबसे मुख्य समस्या जो रोगी के मन में थी वह यह थी कि इस बीमारी से कहीं उनकी आंख को इतना नुकसान ना हो जाए कि आंख ही बेकार हो जाए, उनकी आँख खराब ही न हो जाए।
दूसरा मुख्य बिंदु यह था कि अब वह क्लीनिक के अतिरिक्त कहीं भी नहीं जा रहे हैं। जब वे स्वस्थ थे, तब वे कहीं ना कहीं व्यस्त ही रहते थे, कभी कहीं जाना कभी कहीं जाना घर पर नहीं टिकते थे पर जब से यह हुआ है वह घर पर ही है क्लीनिक से आने के बाद घर पर ही रहेंगे और कहीं नहीं जा रहे हालांकि यदि कोई कार्य ऐसा हो जिसमें उनका जाना जरूरी हो तो वह चले जाएंगे ऐसा भी कह रहे थे, परंतु कहीं भी गए नहीं, कोई ऐसा काम भी नही पडा।
दर्द सिर मे है हल्का है, जी ठीक है , दूध के जवे खाए है,
उन्होंन बताया
दर्द सिर मे है हल्का है, जी ठीक है , दूध के जवे खाए है, सुबह व दोपहर रोटी खाई थी , शाम को बाथरूम गया तो अचानक एसिड बना घबराहट होने लगी, जैसे उल्टी होगी।पर हुई नहीं।
सुबह से बस पडा ही हूं , आंख बंद कर ली लेट गया। टीवी वगैरह देखने की आदत ही नही है, न ही देखा।
मैने पूछा क्या अकेले मे चुपचाप लेटना अच्छा लग रहा है ?
तो उन्होने बताया
बालक पास मे रहें तो अच्छा लगता है मै आंख बंद करके लेटा रहूं पर कोई मेरे पास बैठा रहे, भले आपस मे बात करे खेले कोई काम करे पर बस पास मे रहे।
एक बात और बतानी है, निश्चित ही पहले तीन परामर्श पूरी तरह सटीक नही थे अतः अपेक्षित परिणाम नही दे पाए किंतु उन्होने भी इतनी मदद अवश्य की कि रोग का विस्तार न होने दिया। इससे स्पष्ट है कि वे partially correct रहे थे।
First prescription given by me was
Hepar Sulph 30
Second was
Carcinocin 30
Third was
Hyoscyamus 30
All the three failed
There was a common rubric in all the three which was the PPP
सबसे प्रमुख रूब्रिक जिसमे ये चारो दवा मौजूद है
वह है
Fear injured of being
दूसरा रूब्रिक जिसमे बाद की दोनो दवा
Carc व Hyos
मौजूद है
वह है
Torpor
तीसरा रूब्रिक भी
Carc व Hyos
दोनो दवाओ मे है
Company desire for
चौथा रूब्रिक जो Hyoscyamus मे भी है
Quiet disposition
Medicine Given at last was
Gelsemium
&
5th rubric
was
Will, muscles refuses to obey the will when attention is turned away
अपनी असफलताओं को छिपाना आसान है, लेकिन असफलताओं के बावजूद उन्हें स्वीकार करना, दूसरों को बताना और डटे रहना वाकई मुश्किल है। मैंने इसे आप सभी के साथ साझा किया। बस PPP के महत्व को दर्शाने के लिए।
*FEAR INJURED OF BEING*
इस केस में लगातार और प्रमुख रूप से मौजूद था जब तक कि सिमिलिमम को प्राप्त नहीं किया गया।
यह मानक है
दवा देने के बाद, हमें यह देखना होगा कि जिस लक्षण के आधार पर परामर्श दिया गया था, वह अभी भी मौजूद है या नहीं।
यदि यह अभी भी मौजूद है तो या तो आपका चयन गलत था या आंशिक था।
Nicely explain 👍
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