यह बच्ची अपने माता पिता के साथ हमारे क्लीनिक पर आती रहती है परन्तु उपचार हेतु पहली बार आई है।
जब मै क्लीनिक मे पहुंचा तब यह अपनी मां की गोदी में बैठी हुई थी। मैने इसकी मां से कहा इसको स्वतंत्र रूप से कुर्स पर बैठा दें खुद दूसरी कुर्सी पर बैठ जांए। उन्होंने ऐसा ही किया किंतु कुछ ही क्षण मे यह बच्ची कुर्सी से उतर कर अपनी मां के पास पहुंच गई और बोली गोदी मे बैठा लो। जैसे वह चाह रही हो कि मां उसको सम्भाल ले।
मैने मां से पूछा यह घर पर भी ऐसा ही कर रही है क्या? तो उन्होने बताया हां घर पर भी यह मुझसे ही चिपक रही है।
हालांकि गोदी मे बैठकर कर वह शांत थी।
इससे पहले मैं कुछ और पूछता मैने देखा बच्ची गोदी मे बैठकर पास रखे पौधे की पत्तियो को छूने की कोशिश कर रही है और फिर छू भी लिया। ऐसा उसने तीन चार बार किया। उसको ऐसा करते हमने देख लिया पर उसको नही पता कि हम उसे देख रहे हैं। क्योंकि उसके माता पिता मुझ से बीमारी के विषय मे पूछ रहे थे तो उसे लगा होगा कि हम बातो मे व्यस्त है और इसलिए वह अपनी स्वाभाविक व स्वतंत्र रूप से हरकत कर रही थी, किसी तरह की झिझक और संकोच के बिना।
मुझे निम्नलिखित रूब्रिक समझ आए-
Held, desire to be
Clinging to mother
Touch things impelled to
उसको Bismuth 30 दिया जिसने दो दिन मे ही ठीक कर दिया।
No comments:
Post a Comment
To comment become a member of this blog